BiographyLife Style

गाँधी जयंती कब और क्यों मनाई जाती है? जानिए पूरी जानकारी

गाँधी जयंती दिवस के बारे में -यह दिन भारत देश के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है इस दिन को महत्मा गांधी के जन्मदिन के नाम से भी जाना जाता है।

इस दिन को केवल भारत में ही नहीं मनाते हैं बल्कि इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंहिसा दिवस के रूप में मनाया जाता है. क्योंकि महत्मा गांधी अंतर्रष्ट्रीय अंहिसा प्रचारक थे।

इसलिए महत्मा गांधी जी के जन्म दिवस पर 02 अक्टूबर को गांधी जयंती समारोह रखा जाता है। तो आइये दोस्तों जानते हैं की महत्मा गाँधी जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था।

महत्मा गांधी जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था

महत्मा गांधी जी का जन्म02अक्टूबर 1869 को गुजरात के एक छोटे से पोरबंदर गांव में हुआ था Gandhi जी व्यक्तिगत मोर्चे के साथ साथ राजनैतिक स्तर पर एक महान इंसान थे। दोस्तों गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास कर्मचंद्र गांधी है और उन्हें बापूजी के नाम से भी जानते हैं।

महात्मा गांधी की उपाधि किसने दी

महात्मा का नाम सबसे पहले राजवेध जीवराम कालिदास ने सन 1915में संबोधित किया था. और फिर उन्हें दूसरी बारसन 1915 में स्वामी सिध्दानंद ने अन्य मत के अनुसार महात्मा जी की उपाधि दी थी. और तीसरा बार रविंद्र नाथ टैगोर ने 12 अप्रैल सन 1919में अपने एक लेख मेंMahatma Gandhi Ji की उपाधि प्रदान कि थी।

सुभाषचंद्र बोस ने 6 जुलाई 1944 में एक रंगुनी रेडियो से प्रसारण में राष्ट्रपिता कहकर उन्हे संबोधित किया था आजाद हिन्द फौज के सैनिको के लिए आशीर्वाद और शुभकामनाए मांगी थी। अब आप जानोगे की गाँधी जयंती असल में क्यों मनाई जाती है इसका क्या कारण है।

गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है

गांधी जयंती एक राष्ट्रीय अवसर होता है जिसे हम सब बड़े हर्ष एवं उल्लास के साथ मिलकर मनाते है. जैसे कि 02 अक्टूबर को गांधी जी के जन्म दिवस समारोह के रूप में मनाया जाता हैं इस दिन को महत्मा गांधी जी का जन्म हुआ था और उनका पूरा नाम मोहन दास कर्मचंद्र महत्मा गांधी है और उन्हें ज्यादातर लोग बापूजी के नाम से भी जानते थे।

गांधी जन्म दिवस को विश्व के लोग अहिंसा दिवस के रूप में मनाते हैं क्योंकि वह खुद ही अहिंसा के बहुत बड़े पुजारी थे वहीं वो शांति तथा सच्चाई की मूरत थे। तभी तो यह दिवस विश्व स्तर पर उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए गांधी जयंती मनाई जाती है।

महात्मा गांधी जी के बारे में

राष्ट्पिता महत्मा गांधी जी का जन्म 02अक्टूबर 1869 में पोरबंदर गुजरात गांव में हुआ था उनका पूरा नाम मोहन दास कर्मचंद्र गांधी था और उन्हें ज्यादातर लोग बापूजी के नाम से भी जानते थे।

उनका विवाह 13 वर्ष की आयु में हो गया था और उनकी पत्नी का नाम कस्तुरबा गांधी था जिनकी शादी सन 1882 में गांधी जी से हुईं थी. महात्मा गांधी का 30 जनवरी 1948 को निधन हो गया था।

गांधी कानून का अध्यान करने के लिए अपने 11वे जन्म दिन के लगभग एक महीने पहले 04 सितंबर 1888 को गांधी यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में कानूनी पढ़ाई करने और बैरिस्टर  बनाने के लिए इंग्लैंड चले गए थे।

बापू जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के राजनैतिक तथा आध्यामिक नेता थे वे शत्यग्रण के प्रीतिकार आग्रण नेता थे उनकी अवधारणा की नींव अहिंसा के सिद्धांत पर रखी गई थी जिन्होने भारत में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम दिलाकर पूरी दुनिया के नागरिकों को स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रति प्रेरित किया था।

सबसे पहले गांधी जी ने प्रवासी वकील के रुप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगो के नागरिक अधिकारो का संघर्ष प्रारंभ किया था और फिर वे सन 1915 में भारत में बापिस आ गए थे।

इसके बाद उन्होंने सन 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने लगे और तभी उन्होंने देशभर में द्रृरीता से मुक्ति दिलाने और महिलाओं के अधिकार विस्तार धार्मिक एकता का निर्माण किया था।

सन 1930 में सत्याग्रह और इसके बाद सन 1944 मे अंग्रेज़ छोड़ो आंदोलन बिख्याती की प्राप्ति की जिससे उन्हें दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक कारागृह  मैं रहना पड़ा।

गांधी जी ने कई परिस्थितियां और कठिनाइयों मैं सत्य का पालन किया और साबरमती आश्रम मैं अपना सारा जीवन व्यतीत किया उन्होंने सदा शाकाहारी भोजन किया और उन्होंने लंबे-लंबे उपवास भी रखें एवं वे स्वयं चरखा चलाकर अपने कपड़े बनाकर पहनते थे।

गांधी जी को नोबल पुरुस्कार क्यों नहीं मिले

वैसे तो महत्मा गांधी जी को शांति नोबल पुरुस्कार के लिए 5 बार आमंत्रित किया गया था जो इस प्रकार से हैं सन 1937, 1938, 1939 तथा 1947,1948 में किया गया था लेकिन उन्हें एक भी बार शांति नोबल पुरस्कार नहीं मिला है।

साल 1937 में पहली बार शांति नोबल पुरस्कार के लिए नार्मिनेट किया गया था लेकिन जैबक वॉर्म-मूलर के कारण गांधी जी को नॉवल पुरुस्कार नहीं दिया गया था।

गांधी जी के आंदोलन

1. प्रथम आंदोलन वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने महात्मा गांधी जी को एक विश्व युद्ध सम्मेलन दिल्ली में आमंत्रित किया तभी ब्रिटिश साम्राज्य का विश्वास जीतने के लिए गांधी प्रथम विश्व  युद्ध में लोगो को शामिल करने के लिए सहमत हुए. हालाकि वायसराय को लिखा कि किसी भी व्यक्ती को मारेगे नही ना ही किसी को घायल करेंगे चाहे वह दोस्त हो या फिर दुश्मन।

2. चंपारण आंदोलन विहार में भारतीय स्वतंत्रता राजनैतिक मे गांधी जी के पहली सक्रिय की जिमेदारी थी चंपारण के किसानों को अनाज उगाने पर मजबूर किया जा रहा था और विरोध करने पर उन्हें पीड़ित किया जा रहा था तब सभी किसानों ने माहत्मा गांधी जी मदद मांगी और एक अहिंसा विरोध के माध्यम से गांधी जी ने अंग्रेजो से रियायत पाने में कामयाबी हांसिल की।

3. एक समय गुजरात के खेड़ा गांव में बहुत बुरी तरह से बाड़ आई थी तब सरकार से स्थाई किसानों ने अपना  कर माफ करने की अपील की थी और यहां गांधी जी एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया और वहां किसानों ने कर न देने का संकल्प लिया। सन 1918 मे सरकार अकाल समाप्त होने तक राजस्व कर के भुक्तान करने की शर्तो में ढील दी।

4. खिलाफत आंदोलन मुस्लिम समाज की आबादी पर गांधी जी का प्रभाव उल्लेखनीय था यह खिलाफत आंदोलन उनकी भागेदारी से स्पष्ट था प्रथम विश्व युद्ध में मुसलमानों ने अपने खलीफा या धार्मिक नेता की सुरक्षा में आशंका जताई थी।

और खलीफा के पतन की स्थित के खिलाफ लड़ने के लिए दुनिया भर के  विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था तभी गांधी जी मुस्लिम सम्मेलन के प्रमुख प्रवक्त बन गए और दक्षिण अफ्रीका में अपने भारतीय एंबुलेंस एवं दोनो कैम्प्स को लेकर अंग्रेजों से मिलकर पथक लोटा दी खिलाफत में  उनकी भूमिका ने उन्हें कुछ ही समय मैं राष्ट्रीय नेता बना दिया।

5. असहयोग आंदोलन गांधी जी ने महसूस किया की भारतीयों से मिले सहयोग के कारण भारत में अंग्रेज आ सके है इसे ध्यान में रखते हुए गांधी जी ने असहयोग आंदोलन का आहान किया और कांग्रेस के समर्थन और उनकी  पाद अदमंय के भावना के साथ उन्होंने लोगों को आश्चर्य किया की शांतिपूर्ण असहयोग स्वतंत्रता कुंजी है।

जलियावाला बाग नरसंहार के अशुभ दिन ने असयोग आंदोलन को तेजी से आगे बढ़ने में गति प्रदान की बापू महात्मा गांधी जी ने स्वराज स्वशासन का लक्ष्य निर्धारित किया जो जब से भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के आर्दश बन गए। आदि बहुत से आंदोलन किए।

Conclusion

आप सभी को पता चल गया होगा की गाँधी जयंती कब और क्यों मनाई जाती है। ये लेख कैसा लगा हमें कॉमेंट में जरूर बताएं ताकि हमे आपके विचारों से कुछ नया सीखने मिले और हम आपके लिए ऐसी बहुत सारी इंट्रस्टिंग जानकारी जो नॉलेज से भरपूर हो उनको आपके सामने ला सकें।

दोस्तो मेरी आप सभी प्रिय पाठकों से एक छोटी सी रिक़्वेस्ट है की आप इस लेख को अपने साथियो के साथ भी शेयर करें जो ये जानना चाहते हैं की गाँधी जयंती कब और क्यों मनाई जाती है। तो आज के लिये बस इतना ही मिलते Next New Topic के साथ तब तक के लिए आप अपना ख्याल रखिए धन्यवाद जय हिन्द जय भारत

इनको भी पढ़िए –

English बोलना कैसे सीखें जानिए हिंदी में 

India में सबसे पहले सूर्य कहाँ उगता है जानिए 

भारत के प्रमुख त्यौहार कोन कोन है जाने यहाँ से 

Dharmendra Choudhary

नमस्कार दोस्तो, मैं Dharmendra Choudhary Hindilive.Net का Founder हूँ,अगर में अपनी पढाई की बात करू तो मैंने Graduate किया है। मुझे टेक्नोलॉजी से जुड़ा रहना बहुत पसंद है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button