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समुद्र में पुल कैसे बनाते है? जानिए पूरी जानकारी

समुद्र में पुल कैसे बनाते है? जानिए पूरी जानकारी

समुद्र में पुल कैसे बनाते है? नमस्कार दोस्तो स्वागत है आप सभी का आज के इस नए और इंट्रस्टिंग लेख मे जिसमें आप जानोगे की समुद्र के ऊपर पुल कैसे बनते है. जब भी आप किसी नदी या समुद्री ब्रिज के ऊपर से गुजरते होंगे तो आपके मन अक्सर ये सवाल आता होगा की आखिर इतने बड़े एवं लम्बे ब्रिज इतने गहरे पानी के ऊपर कैसे बनाये जाते है. आप इस विषय पर जानकारी प्राप्त करने के लिये बिल्कुल सही जगह आए है. आज के इस आर्टिकल मे हम आपको इस विषय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है।

जब आप कहीं घूमने जाते होंगे तो रास्ते मे आपने नदी एवं समुद्र के ऊपर बने पुलों के ऊपर से सफर जरूर किया होगा जो देखने में बहुत आकर्षित भी लगते हैं लेकिन सवाल यह उठता है की आखिर इतने सुन्दर एवं आकर्षित और मजबूत पुलो का निर्माण कैसे किया जाता है जिसके ऊपर से ट्रैन से लेकर बस ट्रक कार आदि आसानी से गुजरती जाती है। तो आइये साथियो जानते है समुद्र ऊपर पुलो का निर्माण कैसे होता है।

समुद्र के ऊपर ब्रिज का निर्माण कैसे किया जाता है :-

दरअसल जब नदी या समुद्र के ऊपर ब्रिज बनाया जाता है तो सबसे पहले इंजीनियरों के द्वारा उसका डिजाइन बनाया जाता है जिसे बनाते समय उसमे पानी की अधिकतम गति एवं न्यूनतम गहराई, पानी के बहने की गति एवं पानी के नीचे की मिट्टी कैसी है, पुल का वजन कितना होगा और पुल पर चलने वाले वाहनों का भार आदि का हिसाब किताब पुल का निर्माण करने से पहले ही हर लिया जाता है जिससे की इंजीनियर्स को बाद मे किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पढ़े.

पानी के ऊपर बने बड़े बड़े ब्रिजिस की कंट्रक्शन के दौरान इंजीनियर्स के लिये सबसे मुश्किल चैलेंज खुद पानी होता है. तो आज के इस टॉपिक मे हम बात करेंगे की पानी के ऊपर पुल कैसे बनाये जाते है।

दोस्तो हम सब को ये पता नहीं होता है की ब्रिज के ऊपर से रोजाना कितने लोग एवं बाहन गुजरते है लेकिन हम आप सभी लोग इसमें छुपे कॉन्ट्रेशन के मास्टर प्लान पर बिल्कुल भी ध्यान नही देते है. आपको बता दे की ब्रिजिस की कन्ट्रशन एक बिल्डिंग के मुकाबले कई गुना कठिन होती है क्योंकी बिल्डिंग का लोड़ स्टेबल रहता है परन्तु पुल का लोड़ कभी भी एक जैसा नही रहता है।

ब्रिज को हर वक्त लाखों करोडो टन वजन बर्दाश करना पड़ता है और वो भी ऐसा वजन जो एक जगह से दूसरी जगह मूव कर रहा हो. जैसे जैसे दुनिया मे जनसंख्या बढ़ती जा रही है वैसे वैसे दुनिया मे पुलों की भी इम्पोर्टेंस बढ़ती जा रही है और ये Importans उस समय ज्यादा बढ़ जाती है जब पुल जमीन के ऊपर नही बल्कि पानी के ऊपर बने हो। जी हाँ दोस्तों जहां जमीन पर ब्रिजिस की कन्ट्रशन के लिये इंजीनियर्स को मुश्किल चैलेंज चैलेंजर्स का सामना करना पड़ता है. वही पानी पर बनाये जाने वाले ब्रिजिस की कन्ट्रशन मे इंजीनियर्स को दस गुना अधिक चैलेंजर्स का सामना करना पड़ता है।

समुद्र मे ब्रिज बनाने के लिए एक एक इंच भी पहले से केलक्लूट किया जाता है क्योंकी अगर एक इंच भी गलती होती है तो हजारों जाने और अरबों रुपए एक ही झटके मे डूब सकते हैं. आपकी जानकारी के लिये बता दे की चाहे घर एवं बिल्डिंग की कन्ट्रशन हो या फिर ब्रिज की इन सब मे एक चीज कॉमन होती है और वह चीज है इनकी फाउंडेशन जैसे की फाउंडेशन के बिना किसी भी इस्ट्रैकचर को नहीं बनाया जा सकता है वैसे ही बिना फाउंडेशन के ब्रिज की कन्ट्रशन का काम करना बिल्कुल भी मुमकिन नहीं है।

अब सवाल ये आता है की समुद्र और नदियों मे बने ब्रिजिस की फाउंडेशन तो उसके अंदर होती है लेकिन ये इतने गहरे पानी के अंदर बनते कैसे है जो इतनी सुन्दर और मजबूत होती है जो पानी और लहरों के बीच भी पुल को मजबूती से पकड़े रहती है. तो आइये जानते हैं की इंजीनियर्स इतने गहरे पानी मे पुल का निर्माण कैसे करते हैं।

समुद्र में पुल कैसे बनाते है :-

पानी के ऊपर कंट्रेशन करने के लिये इंजीनियर्स का सबसे पहला काम होता है पानी की गहराई नापना और साथ ही साथ पानी के नीचे जमीन केसी है इसके बारे पूरी इन्फॉर्मेशन कलेक्ट करना जैसे की पानी के नीचे जमीन रेतीली है या पथरीली इसका पता लगाने के लिए प्रोफेशनल गोताखोर पानी के अंदर जाते है और कई दिनों तक तो सिर्फ Information कलेक्ट करने का ही काम चलता रहता है।

यदि पानी कम होगा तो फाउंडेशन के कंट्रेशन मे भी आसानी होगी लेकिन यदि पानी की गहराई अधिक होगी तो फाउंडेशन का काम थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकी जितना ज्यादा गहरा पानी होगा उतना ज्यादा फाउंडेशन का काम करने मे मुश्किल होती है. तो इन्फॉर्मेशन कलेक्ट करने के बाद अब असली काम आता है की फाउंडेशन की इस्ट्रैकचर बनाने के लिए पानी को उस जगह से कैसे निकाला जाये।

जी हाँ साथियो पानी चाहे कितना भी गहरा क्योंना हो जिस जगह फाउंडेशन की नीव रखनी होती है उस जगह से पानी को हटाना ही पड़ता है। आपको बता दे की इंजीनियर्स ने इसके 3 प्रमुख Methods बनाए हैं।

मेथड्स 1 Cofferdam

सबसे पहला और सबसे पुराना मेथड Cofferdam है यानी की जिस जगह Contration का काम किया जाता है उस जगह चारों ओर इतनी रेत या मिट्टी डाली जाती है की वो पानी के नेवल से भी ऊपर हो जाती है. जब चारों तरफ मिटटी से ब्लॉक कर दी जाती है तो फिर बीच से पानी को खाली कर लिया जाता है ताकि कॉन्ट्रेशन का काम आसानी से किया जा सके.

लेकिन ये काम इतना भी आसान नहीं होता है क्योंकी कई बार  ऐसा होता है की कंट्रेशन के चारों तरफ डाली गयी मिटटी पानी के दवाव के कारण बहने लगती है जिसके कारण कोफ्फेरडेम मे पानी भरने लगता है जिससे वर्कर्स की जाने चली जाती है।

लेकिन दोस्तों अब Cofferdam मिटटी की जगह लोहे की सीट से बनायी जाती है जो मशीन की मदद से पानी के अंदर एक एक करके डाली जाती है जो एक मजबूत दीवार बन जाती है जिससे फिर आसानी के साथ काम को किया जा सकता है।

मेथड्स 2 Caissons

इस तरीके में फॉउंडेशन की नीव पहले जमीन पर बनायी जाती है फिर उसे किसी शिप की सहायता से उस जगह पहुंचाया जाता है जहा कॉन्ट्रेशन का काम होना होता है. लेकिन अब इंजीनियर्स के लिये सबसे बड़ा चैलेंज होता है इसे पानी के नीचे डालना क्योंकी ये ऊपर से तो खुली होती लेकिन नीचे बंद होती है जिससे अगर इसे ऐसे ही नॉर्मल तरीके से डाला गया तो ये पानी के ऊपर ही तैरती रहेगी।

ये फॉउंडेशन पानी मे ना तेरे इसके लिये इंजीनियर्स के पास एक बेहतरीन तरीका होता है. यदि पानी अधिक गहरा होता है तो शिप की सहायता से पानी के नीचे बड़े बड़े पत्थर डाले जाते है जिससे जमीन की भरायी की जा सके. फिर इसे आसानी से उस बड़े बड़े पत्थरों के ऊपर सिफ्ट कर दिया जाता है।

मेथड्स 3 Battered Piles

इस मेथड्स में लोहे के बड़े बड़े पाइपों को शिप के मदद से कन्ट्रशन की जगह पर ले जाया जाता है जिसके बाद उन पाइपों को सबसे पहले मशीनों के द्वारा पानी के नीचे धसाया जाता है जिसके ऊपर अब ब्रिज की कन्ट्रशन का काम शुरू किया जा सकता है।

लेकिन दोस्तों ये इतना आसान भी नहीं होता है जितना की कहने और सुनने में लगता है. इस पूरी प्रोसेस मे वर्षो की मेहनत और कई वर्कस का साथ होता है. तो दोस्तों इस तरह समुद्र में ब्रिज का निर्माण किया जाता है।

निष्कर्ष :-

इस लेख में हमने आपको बताया की समुद्र के इतने गहरे पानी के ऊपर ब्रिज का निर्माण कैसे किया जाता है हम आशा करते है की आप लोगों को आज की ये जानकारी नॉलेजबल रही होगी तो ऐसी ही Intrasting लेटेस्ट जानकारियों के बारे मे जानने के लिए Hindilive.net वेबसाइट की Notification को ऑन करे ताकि जब भी इस Website पर कोई Latest एवं नॉलेजबल पोस्ट अपलोड करे तो उसकी नोटिफिकेशन आपको सबसे पहले मिल सके.

हम उम्मीद करते है की इस आर्टिकल में मिलने वाली जानकारी को आप सिर्फ अपने तक ही नहीं रखेंगे इसे अपने सभी दोस्तों एवं अड़ोस पड़ोस के लोगों के साथ भी शेयर करेंगे। शेयर करने के लिये आप फेसबुक व्हाट्सप्प इंस्टाग्राम आदि का यूज कर सकते है. आज की ये इन्फॉर्मेशन समुद्र में पुल कैसे बनाते है कैसी लगी हमे कमेंट सेक्सन में लिखकर जरूर बताये धन्यवाद.

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Dharmendra Choudhary

नमस्कार दोस्तो, मैं Dharmendra Choudhary Hindilive.Net का Founder हूँ,अगर में अपनी पढाई की बात करू तो मैंने Graduate किया है। मुझे टेक्नोलॉजी से जुड़ा रहना बहुत पसंद है।

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