Mobile Ka Avishkar Kisne Kiya | मोबाइल का अविष्कार किसने किया
Mobile Ka Avishkar Kisne Kiya – आज से कुछ वर्षों पहले की बात है जब हमे अपनी बात किसी दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए कबूतर के पैरो में चिट्ठी लिखकर या फिर किसी संदेश बाहक के जरिये संदेश भेजना पड़ता था जिसमे वहुत ज्यादा समय बर्बाद होता था और ये बहुत ही मुश्किल हुआ करता था लेकिन इसके बाद जैसे जैसे जमाना आगे बढ़ता गया तो ये काम डाकिया द्वारा किया जाने लगा लेकिन फिर भी हमारा संदेश जाने में काफी बक्त लगा करता था।
फिर इस मुश्किल काम को आसान करने के लिए कई वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स ने किसी ऐसे यंत्र की खोज करना शुरू कर दिया जिससे संदेश भेजना आसान हो जाए और फिर इसी विश्वास पर काम करते हुए सन 1876 में Alexander Graham Bell ने टेलीफोन का अविष्कार किया जिसने संचार की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव किया टेलीफोन से साउंड सिग्नल को इलेक्ट्रीकल सिग्नल में बदलकर तार के जरिए संदेश भेजा जाता था।
फिर Guglielmo Marconi द्वारा रेडिओ के अविष्कार के बाद पहली बार सन 1901 में बिना तार के अटलांटिक सागर के आर पार संदेश भेजने में सफलता मिली इसके बाद सन 1906 में केनेड़ा के एक वैज्ञानिक Reginald Fessenden ने रेडिओ सिग्नल पर काम करके इसे और आधुनिक बनाया जिसके बाद रेडिओ फोन का अविष्कार किया गया जो सेना द्वारा और समुद्री जहाजों पर प्रयोग किया जाता था.
Mobile Ka Avishkar Kisne Kiya :-
अभी तक आम जानता के संदेश भेजने के लिए केबल टेलीफोन ही एक माध्यम था फिर पहली बार सन 1947 में ATNT बैल लिबर्टी के इंजीनियर्स द्वारा बायरलेस फोन बेस स्टेशन के लिए बनाया गया था जो कि ज्यादा कामयाब नहीं हो सका फिर सन 1960 के दशक के दौरान बैल लिबर्टी ने इसे आगे विकसित करने की सोची उन्होंने इसे रेडिओ से प्रेरड़ा लेकर बनाने का विचार किया. और फिर एक इंजिनियर George H. Sweigert ने एक कामयाब बायरलेस फोन का अविष्कार कर दिया जिसके लिए जॉर्ज को 10 जून 1969 में पहले बायरलेस फोन का अमेरिका में पेटर्न नम्बर 3449750 जारी किया
जॉर्ज पहले अमेरिका की फौज में रेडिओ डिपार्टमेंट में काम करते थे इसीलिए उन्हें रेडिओ वेब का अच्छा अनुभव था लेकिन उनके इस बायरलेस फोन में बहुत सी कमियां थी जिसकी बजह से उनका फोन व्यापार के हिसाब से बेकर साबित हुआ।
अगर बात करें दुनिया के पहले सफल मोबाइल फोन की तो इसे वर्ष 1973 में मार्टिन कूपर नामक इंजिनियर ने बनाया था इस फोन से कूपर ने पहली कॉल न्यूयोर्क से न्यूज़रसी की थी आपको बता दे कूपर को अधिकारिक तौर पर मोबाइल का जन्म दाता माना जाता है मार्टिन कूपर एक अमेरिकन इंजिनियर है जिन्होंने लगभग 3 अप्रैल 1973 में विश्व को पहला मोबाइल फोन दिया था जो कि आम लोगों के लिए था जिसका वजन उस समय लगभग 2 किलो था सुनने में यह थोड़ा सा अजीव लगेगा परन्तु पहले ऐसा ही होता था.
जो आज के युग के हिसाब से बहुत ही भारी था परन्तु 80 के दशक के शुरुआत में तो ऐसा फोन रखना धनवान होने का प्रतीक माना जाता था मार्टिन कूपर ने आज के समय की मोबाइल कंपनी मोटरोला के साथ मिलकर इस मोबइल फोन को बनाया था और फिर बाद में वे इस कंपनी के CO भी रहे इसके लिए उनको मार्कोनी पुरुस्कार से सन् 2013 में सम्मानित भी किया गया ये पुरुस्कार संचार क्षेत्र में किए गये अद्भुत कार्य के लिए किया जाता है।
टेलीफोन के अविष्कार के बाद ये दूर संचार में क्रांति लाने वाला अविष्कार था जिसके बाद वर्ष 1979 में जापान में पहला मोबाइल नेटवर्क बिछाया गया था ये फ़्रस्ट जनरेशन का नेटवर्क था जिससे लोग आपस में बात कर सकते थे फिर सन् 1983 में आम लोगों के लिए मोबाइल हैंडसेट बनना शुरू हुए जिसे भी मोटरोला ने ही लॉन्च किया था पहले हैंडसेट का नाम मोटरोला डायनाटेक 8000x था ये मोबाइल वजन में 2 किलो ग्राम भारी और लम्बाई में तक़रीवन एक फिट का था. इस मोबाइल की बैटरी को चार्ज करने में 10 घंटे का समय लगता था और मोबाइल को एक बार चार्ज करके तकरीबन 30 मिनिट तक बात की जा सकती थी.
लेकिन सेकेंड जनरेशन मोबाइल नेटवर्क सेवा फिनलेंड में वर्ष 1991 में रेडिओ निंजा नामक कंपनी ने शुरू की, इस सेवा की शुरुआत से मोबाइल में SMS और Internet सेवा आ गई इसके बाद थर्ड जनरेशन सेवा वर्ष 2001 में जापान में स्टार्ट की गई जो उस समय का सबसे एडवांस मोबाइल नेटवर्क था इसकी सहायता से डेटा ट्रेंसफर करना आसान हो गया video colling फीचर इसी जनरेशन में आया था और आज के समय में मोबाइल में क्या बदलाव हुआ है इसके बारे मे शायद मुझे आपको बताने की जरूरत नहीं है. Mobile Ka Avishkar Kisne Kiya
मोबाइल काम कैसे करता है :-
आसान शब्दों में कहे तो मोबाइल एक two way रेडिओ है जिसमे एक ट्रांसमीटर और दूसरा रिसीवर रेडिओ होता है जब आप अपने किसी दोस्त या किसी रिस्तेदार या किसी भी व्यक्ति से बात कर रहे होते हैं तो ये आपकी आवाज को इलेक्ट्रीकल सिग्नल में कन्वर्ट कर देता है जिसके बाद इसे रेडिओ वेब्स के रूप में नजदीकी सेल टावर तक ट्रांसमेट कर दिया जाता है अब उस सैल टावर का नेटवर्क आपके दोस्त या जिससे भी आप बात कर रहे हो उसके सेलफोन तक रेडिओ वेब तक भेज देता है जिसके बाद वह मोबाइल उस सिग्नल को कैच करके उस साउंड में कन्वर्ट कर देता है. तो अब आप समझ गए होंगे कि Mobile Phone काम कैसे करता है।
आखरी शब्द :-
मोबाइल के विना आज हमारा कोई भी काम संभव नहीं है आज के समय में मोबाइल एक संदेश का काम करता है जो हमारी बात दुसरो तक पहुंचाता है मोबाइल हमारे लिए बहुत उपयोगी है मोबाइल हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है।
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