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कैमरा का अविष्कार किसने किया था? जानिए पूरी जानकारी

कैमरा का अविष्कार किसने किया था – दोस्तो आज की इस पोस्ट में हम कुछ ऐसे आविष्कार के बारे में बात करने वाले है जिसे आपने कभी न कभी जरूर यूज किया होगा जी हाँ हम बात कर रहे है कैमरे के आविष्कार के बारे में. आज के समय में कैमरा हर किसी की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है क्योंकि कैमरे के द्वारा हम किसी भी लम्हे को कैद करके यादगार बना सकते हैं शायद इसीलिए आज कैमरा मोबाइल के साथ साथ अन्य कई डिवाइस में भी उपलब्ध है।

वर्तमान समय में कैमरा हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है. हम आप किसी भी नई जगह पर जाते है तो उस पल को यादगार बनाने के लिए उसे कैमरे में कैद कर लेते हैं और तो और आज कैमरा पर ही पूरी की पूरी फिल्म इंड्रस्टी और टी. वी. इंड्रस्टी टिकी हुई है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस कैमरा को आज हम आप इतनी आसानी से यूज करके फोटो निकाल लेते हैं उसी से कही फोटो लेने के लिए पहले  आठ घंटे तक का समय लगता था और फिर कैसे वक्त के साथ साथ इस कैमरा में बदलाव आये इसे आधुनिक बना दिया गया आज के इस छोटे से मोबाइल में भी यह फिट हो जाता है।

इसके बारे में आज हम बतायेगे, इस पोस्ट में हम जानेंगे कि आखिर सबसे पहले कैमरा के बारे किसने विचार किया और किन किन वैज्ञानिकों ने अपना प्रमुख योगदान दिया तो सबसे पहले हम बत करते हैं कि कैमरा क्या है और यह कैसे काम करता है तो आइये स्टार्ट करते हैं।

Camera Kya Hai :-

कैमरा एक ऑप्टिकल उपकरण होता है जिसका उपयोग छविओं को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है कैमरे के एक छोटे से छेद के साथ मोहर बंद बॉक्स होते हैं जो प्रकाश को सम्बेदनशील सतह में आम तौर पर फोटोग्रैफिक स्प्रिंग या डिजिटल सेंसेप पर छवि कैपचर करने की अनुमति देता है कैमरा से हम तस्वीर कैपचर करते है और बाद में यह एक सुनहरी याद बन जाती है।

कैमरा का अविष्कार किसने किया था :-

अगर हम बात करें की सबसे पहले कैमरा जैसे आधुनिक यंत्र को बनाने का विचार किसके के मन में आया था तो वह थे चाइनीज फ्लॉसफर मोजी जो की उस समय के जाने माने खोजकर्ता थे लगभग 351BC में इन्होंने कैमरा के बारे में अपनी किताब में लिखा था।

उनके मुताबिक उनके दिमाग में कैमरा जैसे यंत्र का विचार तब आया जब उन्होंने देखा कि सूरज की रोशनी किसी पत्ते के छोटे से छेद से छनकर किसी अंधेरे कमरे में प्रकट होती थी तो बहार कुछ दृश्य उलटी दिसा में दीवार पर छप जाया करते थे जिसके बाद मोजी ने भी कई वर्षों तक कैमरा जैसे यंत्र को बनाने में अपना योगदान दिया पर वो सफल नहीं हो सके. इसी तरह Theon of Alexandria ने चौथी शदी में Anthemius of Tralles ने भी मोजी के कैमरे पर अपना अहम योगदान दिया था पर कोई भी सफल नहीं हो सका था।

तक़रीवन ग्यारहवीं शताब्दी में साउदी अरब के भौतिक शास्त्री Ibn Al Haytham ने कैमरा से जुड़ी तकनीकी जानकारी दी थी. आपको बता कि साऊदी के रहने बाले ये वो सख्स हैं जिन्हे फादर ऑफ मॉडर्न औक्टिक्स भी कहा जाता है औक्टिस यानी चश्मे जो कि हम लगाते हैं. कैमरा में आज हम जिस लैंस का प्रयोग करते हैं उनका पहला और बुनियादी अविष्कारक इन्हें ही कहा जाता है।

इन्होने यह भी बताया था कि रोशनी सीधी चलती है इसके बारे में उन्होंने विस्तार से समझाया था कि रोशनी जब एक छोटे से सुराग की तरफ जाती है तो उसमे जाकर वह उलटी हो जाती है मतलब अगर रोशनी किसी सुराग में जाएगी तो दूसरी तरफ उसका अक्ष उल्टा बनाएगी और फिर इसी थ्योरी पर काम करते हुए इन्होंन पहली बार एक पिन होल कैमरा बनाया था।

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वे एक चादर लेकर एक कमरा बनाते थे जहाँ अंधेरा होता था और फिर उस चादर में एक बारीक सुराग कर देते थे उस सुराग से जब रोशनी आती थी तो सामने की चीजों का अक्ष दीवार पर उल्टा पड़ता यानी की एक उल्टी इमेज बनती थी जिसे आज के समय में Reflection On Optics कहा जाता है. इसी तरह से उन्होंने ओक्टिक्स की एक अहम खोज की थी जिसका इस्तेमाल करके आँखों की रोशनी का इलाज किया जाता है।

इसके बाद तकरीबन 1490 में इटली के महान चित्रकार और खोजकर्ता Leonardo Da Vinci कैमरा के अविष्कार पर काम कर रहे थे जिससे उन्होंने इमेज को ट्रेश करने का तरीका ढूंढा था फिर कुछ सालों के बाद कैमरा के अविष्कार में तेजी दिखाई दी और सन 1685 में Johann Zahn ने भी कैमरा के अविष्कार में अपना योगदान दिया और एक पोर्टेबल कैमरा की डिजाइन बनाने में वो पूरी तरह से सफल नहीं हो सके थे।

आपको बता दे कि पहले के कैमरा सिद्धांतो पर काम करते थे जिसे Camera Obscura कहते थे यह एक लेटिन भाषा का शब्द है जिसका मतलब है डार्क चैम्बर, मतलब अंधेरे वाला कैमरा क्योंकि उस समय तक बने सभी कैमरे एक बड़े कमरे के आकर के बॉक्स होते थे जिसमे एक छोटा सा छेद होता था और जब रोशनी इसके पार होती थी तो बाहरी बस्तु कि छाप कमरे के अंदर दिखाई देती थी।

जिसके बाद अंदर बैठा आदमी उसे ट्रेस कर लेता था पर समस्या ये थी कि कमरे के अंदर इमेज उलटी बनती थी लेकिन बाद में 18वी सदी में शीशे का प्रयोग करके इस समस्या को सुलझा लिया था और आधुनिकता तथा बदलते युग के साथ कैमरे का आकर भी छोटा होता गया।

अब बात करें आधुनिक कैमरा की तो दुनिया का सबसे पहला कैमरा 1824 में जोसेफ नेस्पे ने बनाया और उन्होंने ही दुनिया की पहली फोटोग्राफी की थीे नेस्पेे ने काँच की प्लेट पर लेवेंडर आयल लेप किया और इस लेप को सूर्य के प्रकाश में रख दिया फिर कुछ घंटो के बाद उन्होंनेे इस प्लेट को लेवेंडर अम्ल से साफ कर दिया इसके करण उस काँच की प्लेट पर एक नेगेटिव प्राप्त हुई नेस्पे ने इस प्रक्रिया को हेल्यूग्राफ कहा जिसका अर्थ है सूर्य की उत्पत्ति में चित्रण करना इस कैमरा तकनीक में एक सबसे बड़ी समस्या यह थी कि फोटो खींचने में काफी समय लगता था और खींची हुई फोटो भी कुछ समय तक रहती थी।

वर्ष 1839 में Louis Daguerre ने दुनिया का पहला व्यवहारिक कैमरा Daguerretype बनाया था उन्होंनेे जोसेफ नेस्पे के कैमरा में सुधार करके यह कैमरा बनाया था परन्तु इस कैमरे से फोटो नेगेटिव प्राप्त नहीं होता था इसी समस्या को दूर किया William Henry Fox ने जिन्होंन वर्ष 1840 में केलॉटाइप नामक कैमरा का अविष्कार किया इस कैमरा से एक ही इमेज की कई सारी कॉपीज बनाई जा सकती थी और फिर सन 1948 में Advind  Lends नामक के व्यक्ति ने कैमरे में सुधार करके एक ऐसा कैमरा बनाया था जिससे तुरंत फोटो प्राप्त की जा सकती थी।

साल 1885 में George Eastman ने पेपर फिल्म कैमरा बनाया जिसके बाद ही पेपर फिल्म की शुरुआत हो सकी और वर्ष 1888 कैमरा के अविष्कार में सबसे महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ इस वर्ष Eastman ने फिल्म कैमरा लॉन्च किया इस कैमरा में फिल्म रोल का उपयोग होता था जिससे तकरीबन 100 फोटो क्लिक की जा सकती थी इसके बाद से ही दुनिया में मूवी बनना शुरू हुआ था।

दुनिया का पहला कैमरा कब बना :-

दुनिया का सबसे पहला और सबसे बड़ा कैमरा जार्ज नाम के व्यक्ति ने सन् 1800 में बनाया था इस कैमरे को जार्ज ने इसलिए बनाया था कि रेलवे की फोटो खींच सकें उस रेलवे का नाम था आल्टन जो कि उस समय की सबसे बड़ी रेल थी दोस्तों आप इस बात को जानकार हैरान होंगे कि इस कैमरे को उठाने के लिए 15 लोगों की आवश्यकता पड़ती थी इस कैमरे से जो फोटो ली जाती थी उसकी साइज 8.45 फिट थी इस कैमरे को बनाने में कुल लागत 5 हजार डॉलर आई थी यानी आज इसकी कीमत 4 लाख रुपये से ज्यादा है।

1820 के करीब जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने मिलकर फोटोग्राफी प्रक्रिया डागरोटाइप का अविष्कार किया इसकी मदद से पहली तस्वीर 1826 में खींची गई इसे जोसेफ नाइसफोर ने अपने घर की खिड़की से लिया था ऑप्शक्यूरा कैमरे से तस्वीर को केपचर करने में आठ घंटे लगे थे इस पूरी प्रक्रिया को नाम दिया गया था हिलयुग्राफी

दुनिया में पहली मूमेंट वाली तस्वीर को केपचर करने में 6 साल का समय लगा था इसकी शुरुआत फोटोग्राफर एडवल्ड मूब्रिज ने 1872 में की थी उन्होंने घोड़ों का हर मूमेंट कैमरे में कैद करने के लिए रेसट्रे पर 12 बार कैमरे लगवाये 6 साल की मेहनत के बाद जिमिन को छुए बगैर घोड़ों की तस्वीर को कैद किया गया इसे पहली मोशन पिक्चर कहा गया।

सन 1906 में पहली बार रात में तस्वीर ली गई तस्वीर हिरण की थी इसे कैमरे में वाल्डलाइफ फोटोग्राफर जार्ज सिरास ने केपचर किया था जार्ज फ्लेसलाइट और बायर फोटोग्राफी के अविष्कारक थे ये तस्वीर मिसिगन के वाइटफीस नदी में ली गई थी जैसे ही जानवर मौके पर पहुँचे जार्ज ने रिमोट से संचालित होने बाले फ्लेसलाइट कैमरे का इस्तेमाल किया था और फोटो निकाली थी।

कैमरा कितने प्रकार के होते हैं:-

जैसा कि हम जानते हैं कि मार्केट में कई तरह के कैमरा मिलते हैं तो उनके फीचर्स की मदद से हम अपने हिसाब का कैमरा चुनते हैं तो आइये हम कुछ अलग अलग कैमरा के बारे में बात करते हैं।

Digital Camera :-

यह एक ऐसा कैमरा होता है जो इमेज और वीडियो को डिजिटल फॉर्मेट में केपचर करता है इसमे एक सेंसर का प्रयोग किया जाता है जिससे फोटो अच्छी क्वालिटी की और परफेक्ट आये डिजिटल कैमरा में फोटोज और वीडियोज स्टोर करने के लिए मेमोरी कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है।

ज्यादातर कैमरा ऐसे भी होते है जिनमे USB केबल का उपयोग भी किया जा सकता है जिससे कैमरा से सीधा इमेज को कम्प्यूटर में ले सके आज के समय में भले ही मार्केट में एक से बढ़कर एक सेल्फीकैमरा आ गये हैं लेकिन डिजिटल कैमरा जैसी अच्छी और बेहतरीन पिक्चर क्वालिटी किसी में नहीं है।

CCTV  Camera :-

सीसीटीवी कैमरा का पूरा नाम है क्लोज सर्किट टेलिवीजन इस कैमरे का इस्तेमाल सबसे पहले 1942 में जर्मनी में रोकेट लॉन्च पर किया गया था cctv कैमरे की मदद से हम एक ही जगह बैठकर कई गजहों पर नजर रख सकते हैं इसे सिक्योरिटी के तौर पर घर ऑफिस में उपयोग किया जाता है।

DSLR Camera :-

DSLR कैमरा एक डिजिटल कैमरा है DSLR का पूरा नाम है डिजिटल सिंगल लैंस रिफलेक्स इसका अविष्कार 1989 में सैसन और रोबर्ट हिल्स ने पहला DSLR कैमरा बनाया था जो कि Jury Rigged Prototype नहीं था लेकिन आज के DSLR से कम भी नहीं था ये मेमोरी कार्ड का इस्तेमाल करता था और छवि को संकुचित करता था।

निष्कर्ष :-

दोस्तों आज के इस लेख से आपको क्या सीखने को मिला हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताए. हम आशा करते हैं की आज के यह लेख को कैमरा का अविष्कार किसने किया था इसे पढ़ने के बाद आपको पता चल गया होगा की असल में कैमरा का अविष्कार किसने किया था।

यदि आपको ये लेख थोड़ा बहुत भी पसंद आया हो तो इसे अपने उन सभी दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे जो फोटोग्राफी के बहुत ज्यादा शौक़ीन हैं ताकि उन्हें इसके बारे में पता चल सके की आज हम जिस कैमरे का इस्तमाल करके अपनी अच्छी अच्छी सुन्दर तस्वीरे निकालते हैं उस कैमरा का अविष्कार किसने किया था। share करने के आप Whatsapp, Twitter, Facebook आदि का इस्तमाल कर सकते हैं। धन्यवाद

Dharmendra Choudhary

नमस्कार दोस्तो, मैं Dharmendra Choudhary Hindilive.Net का Founder हूँ,अगर में अपनी पढाई की बात करू तो मैंने Graduate किया है। मुझे टेक्नोलॉजी से जुड़ा रहना बहुत पसंद है।

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