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Computer Kya Hai? कंप्यूटर का इतिहास क्या है – सम्पूर्ण जानकारी

हेलो फ्रैंड्स कैसे हो आप सभी स्वागत है आपका आज की इस पोस्ट में इस लेख में आप जानोगे की Computer Kya Hai एवं कम्प्यूटर का इतिहास क्या है. कंप्यूटर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलने वाली है। तो आइये शुरू करते हैं आज की इस प्रोसेस को

यदि आप अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं एवं दुनिया मे जितने भी टेक्नोलॉजिकल चेंज हो रहे हैं उन सभी से कदम से कदम मिलाकर चलना और अगर आप अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिये आपके पास कम्प्यूटर का ज्ञान होना बहुत ही जरूरी व महत्वपूर्ण है।

वैसे तो आपने कम्प्यूटर के बारे में बहुत सी किताबो में पढ़ा होगा एवं इससे रिलेटिड बहुत सी वीडियोस भी देखी होगी लेकिन आपको कही पर भी Computer Kya Hai इसके बारे में समझ मे नहीं आया है. तो आज आप बिल्कुल सही जगह आए हैं क्योंकी यहाँ पर आपको कंप्यूटर के बारे में पूरी कम्पलीट जानकारी बतायी जाएगी।

अगर आप स्टूडेंट हो तो आपको स्कुल में पूछा जा सकता है,अगर आप कोई जॉब के लिए जा रहे हो तो आपसे इंटरव्यू में पूछा जा सकता है की कम्प्यूटर क्या होता है इसका इतिहास क्या है तो आपको घबराने की बिलकुल भी जरूरत नहीं क्योंकि मैं आज आपके लिए इस लेख में Computer के बारे में पूरी Complete Information देने वाला जो आपकी समझ में आसानी से आ जाएगी। तो आइये दोस्तो जानते हैं की कंप्यूटर क्या है।

Computer Kya Hai :-

कम्प्यूटर मानव द्वारा निर्मित एक इलेक्ट्रीकल डिवाइस है जो सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर से मिलकर बना होता है कम्प्यूटर निर्देशों के अनुसार कार्य करने वाली एक स्वचालित मशीन है जो मानव के लिए बहुत ही उपयोगी एवं महत्वपूर्ण मशीन है आज के समय में कम्प्यूटर का बड़ा योगदान है कम्प्यूटर के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है कम्प्यूटर के अविष्कार के बाद हमारा जीवन बहुत ही सरल हो चुका है।

कम्प्यूटर Input के रूप में डेटा को ग्रहण करता है और Software Program के अनुसार उसे Process करके हमें Output के रूप में Ruselt दिखाता है कम्प्यूटर अंग्रेजी के आठ अक्षरों से मिलकर बना है. कम्प्यूटर गढ़ना करता है इसलिए इसे हिंदी में संगड़क कहते हैं कम्प्यूटर शब्द कि उत्पत्ति C O M P U T से हुई थी।

कंप्यूटर का पूरा नाम है – Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research ( कॉमन ऑपरेटिंग मशीन पर्पसली यूज्ड फॉर टेक्नोलॉजिकल एन्ड एजुकेशनल रिसर्च) है. अब हम जानेगे इसके इतिहास के बारे में

कम्प्यूटर का इतिहास :-

यह बात 18वी सदी की है जब पूरी दुनिया टेक्नोलॉजी के नाम से बिल्कुल ही अनजान थी इंसान अपनी आँखों से जो भी देखता था बस उसी पर विश्वास करता था तकनीक से दूर दूर तक दुनिया के लोगों का कोई लेना देना नहीं था इसी बीच लंदन में पैदा हुए चार्ल्स बैबेज जिन्होंने लोगों की इस सोच को बदलने का काम किया

सर चार्ल्स बैबेज को बचपन से ही गणित मे बहुत ज्यादा रूचि थी इसी के चलते उन्होंने आगे चलकर कम्पूूयटर का अविष्कार किया चार्ल्स जी ने 14 जून 1822 में कम्पूयटर बनाने का दावा किया था हालांकि बहुत से इतिहासकार इस बात से इंकार करते हैं कि चार्ल्स बैबेज ने कम्प्यूटर का अविष्कार किया था।

हालांकि यह माना जाता है कि चार्ल्स बैबेज कम्प्यूटर मशीन बनाने मे कामयाब रहे लेकिन उस मशीन को पूरी तरह से नहीं बना पाए शुरुआत मे उन्होंने एक बेहद बड़े आकर की मशीन का अविष्कार किया था चूकि चार्ल्स गणित के छात्र थे तो उनका इस मशीन को बनाने का उद्देश्य नम्बरों की गणना करना था जिसके तहत उन्होंने इस मशीन का अविष्कार किया था।

उस वक्त चार्ल्स जी ने इस मशीन को डिफरेंस इंजन का नाम दिया था लेकिन यह मशीन केवल गणना कर सकती थी ये नहीं बता सकती थी कि गणना ठीक है या नहीं जो सिर्फ एक कम्प्यूटर बता सकता है इसलिए कई विशेषज्ञों का कम्प्यूटर के अविष्कार को लेकर अलग अलग मत है।

परन्तु इसके बाद 18वी शताब्दी के दौरान चार्ल्स बैबेज ने किया कम्प्यूटर का अविष्कार के बाद लोगों मे इस तकनीक को जानने और इसको समझने की दिलचस्पी जागरूक हुई. तभी समय के साथ कई चीजों मे बदलाव आ रहा था लेकिन फिर भी दुनिया के लोगों को कम्प्यूटर जैसी मशीन बनने का कोई अनुमान नही था जबकी अलग अलग देशों के वैज्ञानिक नई नई चीजों को खोजने मे लगे हुए थे।

तकनीक के युग में दूसरा सबसे बड़ा दिन तब आया जब जर्मनी के वैज्ञानिक कोनराड जूस ने एक प्रोग्रामिंग कम्प्यूटर का अविष्कार कर दिया यह 1936 से 1938 के बीच का दौर था. इस Programing Computer का अविष्कार इसलिए काफी अहम था क्योंकि उन्होंने सबसे पहले प्रोग्रामिंग कम्प्यूटर का अविष्कार किया था।

चार्ल्स बैबेज की मशीन काफी हद तक इंसानी दिमाग पर काम करती थी लेकिन कोनराड जूस का कंप्यूटर खुद प्रोग्रामिंग से चलता था कोनराड ने इस कंप्यूटर का नाम Z1 रखा था।

कोनराड़ जूस के आविष्कार के बाद यूरोपियन देशों मे नई क्रांति का संचार हो गया समय के साथ कम्पूयटर की मांग बढ़ती जा रही थी computer के आविष्कार ने बहुत से लोगों को प्रभावित किया ये हजारों लोगों के काम को खुद अकेला ही कर सकता है जिन कामों को करने मे बहुत ज्यादा समय लगा करता था अब वो काम चुटकियों मे ही हो जाया करता है कम्प्यूटर लाखों करोड़ो रुपयों का हिसाब बहुत ही कम समय मे कर लेता है इससे लोग कम्प्यूटर की तरफ आकर्षित होने लगे।

हालांकि उस समय लोगों ने यह सोच लिया था की कोनराड़ जूस ने जिस प्रोग्रामिंग कम्प्यूटर का आविष्कार किया है वही दुनिया मे आखरी आधुनिक आविष्कार है लेकिन शायद लोगों का अंदाजा था कि आने वाले समय मे इस आविष्कार से बेहतर भी कोई आविष्कार देखने को मिलेगा। फिर से समय तेजी से गुजरता गया और तकनीक की दुनिया मे दिन प्रतिदिन नए नए बदलाव आते रहे हर नया बदलाव इंसान को चौंका देता था और उसको सोचने पर मजबूर कर देता कि विज्ञान बहुत तेजी से दुनिया मे छा रहा है

कोनराड़ जूस के आविष्कार के कुछ सालों बाद लोग तकनीक की दुनिया मे एक नए आविष्कार के गावह बने. जब जे. प्रेसपर एकर्ट ने दुनिया को पहला इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर दिया ये कम्प्यूटर पूरी तरह से डिजिटल था सबसे बड़ी बात यह थी कि इस कम्प्यूटर के बाद से ही हर इलेक्ट्रानिक उपकरण डिजिटल रूप में आने लगे. सालो से उपयोग की जा रही सुइयों वाली घड़ी कि जगह डिजिटल घड़ी ने ले ली ये सब चीजें कम्प्यूटर खोजने के बाद में आयी थी एकर्ट ने डिजिटल Computer की खोज सन 1946 में कि थी।

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कम्प्यूटर का उपयोग कहां कहां किया जाता है :-

वैसे तो आज के समय में Computer का उपयोग हर छोटे से लेकर बड़े बड़े कामों में किया जाने लगा है क्योंकी बदलते समय को देखकर पूरी दुनिया Digital होती जा रही है. मैंने निचे कुछ ऐसे क्षेत्र के बारे में बताया है जहां पे कंप्यूटर का इस्तमाल किया जाता है। Computer Kya Hai

अस्पतालों में (Hospital’s) :-

अस्पतालों के लिए तो कम्प्यूटर एक चमत्कार से कम नहीं है क्योंकि किसी भी प्रकार के रोगी का इलाज कम्प्यूटर के द्वारा जल्द से जल्द संभव हो पाता है आजकल सभी मेडिकल Information को Digitized कर दिया गया है ताकि किसी भी रोगी का रिकॉर्ड जल्द से जल्द Create किया जा सके मतलब की पता किया जा सके और साथ ही साथ उस रिकॉर्ड को हमे सभी जगह पर Store करके रखने की जरूरत ना पड़े.

जब किसी भी रोगी का रिकॉर्ड कम्प्यूटर में एक जगह स्टोर हो जायेगा तो कभी भी उस रोगी का रिकॉर्ड ढूंढने में ज्यादा समय नहीं लगेगा क्योंकि कम्प्यूटर के माध्यम से उसका रिकॉर्ड आसानी से निकाला जा सकता है।

शिक्षा के क्षेत्र में (Education) :-

शिक्षा के क्षेत्र में जब से कम्प्यूटर आया है तब से शिक्षा का स्तर और भी बढ़ गया है शिक्षा के क्षेत्र मे कम्प्यूटर के आ जाने से बहुत से स्टूडेंट घर बैठे किसी भी चीज की जानकारी आसानी से Internet के माध्यम से प्राप्त कर लेते है आज के समय में स्कूल से लेकर कॉलेज तक के सभी स्टूडेंट इंटरनेट पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताते हैं और ढेर सारी जानकारी हसील कर लेते हैं।

सही  Information पाना एक प्रकार का चेलेंज हो जाता है लेकिन जब से कम्प्यूटर और इंटरनेट इस दुनिया में आया है तब से किसी भी प्रकार की इन्फॉरमेशन पाने के लिए हमे ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना पड़ता है क्योंकि किसी भी प्रकार की जानकारी हम कम्प्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से मिनटों में प्राप्त कर सकते हैं। जैसे की आपको Computer Kya Hai एवं इसका इतिहास क्या है इसकी जानकारी चाहिए थी तो आपने Google सर्च में अपनी इन्कवारी लिखी और उससे जुडी आपको पूरी जानकारी मिल गयी।

आज के दौर में कई प्रकार के प्रोजेक्ट स्टूडेंट को मिलते हैं जो कि कम्प्यूटर के द्वारा बहुत आसान हो जाता है अब Digital Learning का भी जमाना हो चुका है मतलब की बहुत सारे Online Courses चालू हो चुके हैं जिससे स्टूडेंट कोई भी कोर्स की जानकारी आसानी से ले सकते हैं वो भी अपने घर बैठे और किसी भी प्रकार का ऑनलाइन काम भी कर सकते हैं।

विज्ञान एवं अनुसन्धान के क्षेत्र में (Science and Research) :-

विज्ञान और अनुसन्धान के क्षेत्र में कम्पूयटर एक अहम भूमिका निभाता है तरह तरह के वैज्ञानिक (Scientist) अपने तरह तरह के प्रयोंगो के लिए कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं कम्पूयटर के द्वारा किसी भी चीज के बारे में रिसर्च करने में आसानी होती है कम्पूयटर के माध्यम से ही Scientist और Researchers पूरी दुनिया में किसी भी चीज के ऊपर आसानी से रिसर्च कर लेते हैं।

वैज्ञानिक एक दूसरे से संचार करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग करते हैं वर्तमान समय में विज्ञान के क्षेत्र में कम्पूयटर का बहुत ही बड़ा महत्व है।

खेल के क्षेत्र में (sports) :-

खेल कूद में भी हमे तरह तरह की Information रखने के लिए कम्प्यूटर की आवश्यकता पड़ती है और यदि कम्पूयटर के द्वारा इन्फॉरमेशन को रिकॉर्ड किया जाये तो इससे खेल कूद के संचालन में तेजी लाई जा सकती है और खेल कूद के सारे डाटा को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया भी जा सकता है।

खेल कूद में हमे तरह तरह के इनफार्मेशन रिकॉर्ड करने की आवश्यकता पड़ती है जैसे कि खिलाड़ी का रिकॉर्ड का इनफार्मेशन, स्कोरबोर्ड, खेल कूद का मूवमेंट इत्यादि कम्प्यूटर में मूवमेंट को रिकॉर्ड करने का हमे एक बहुत बड़ा फायदा होता है कि हम जब चाहे उस पूरे खेल को दोबारा देख सकते हैं।

मनोरंजन के क्षेत्र में (Entertainment) :-

आज के समय में कम्पूयटर का इस्तेमाल मनोरंजन के क्षेत्र में बहुत ज्यादा हो रहा है जैसे गेम खेलने में, वीडियोस देखने में, वीडियो को क्रिएट करने में अब हमे कम्प्यूटर में Functionality मिलती है जिससे हमे अलग अलग एजुकेशन के लिए अलग अलग कम्प्यूटर कि आवश्यकता नहीं होगी। अब इसके बाद आप जानोगे की कंप्यूटर के कौन कौन से भाग होते हैं।

कम्प्यूटर के भाग (Parts of Computer) :-

Computer के पार्ट्स इस प्रकार हैं –

  • Monitor (मॉनिटर)
  • Keyboard (कीबोर्ड)
  • CPU (सीपीयू)
  • Mouse (माउस)

Monitor – मॉनिटर एक Output डिवाइस है जिसे विजुअल Unit Display भी कहा जाता है यह देखने में TV की तरह होता है मॉनिटर एक सबसे महत्वपूर्ण आउटपुट डिवाइस है इसके बिना कम्प्यूटर अधूरा होता है यह Output को अपनी स्क्रीन को Soft Copy के रूप में प्रदर्शित करता है।

keyboard – कीबोर्ड एक Input डिवाइस है यह कम्पूटर का एक पेरिफेरल है जो आंशिक के रूप से टाइप्राइटर के कीबोर्ड की भांति होता है कीबोर्ड को टेक्स्ट तथा करेक्टर इनपुट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है भौतिक रूप से कम्पूयटर का कीबोर्ड आयताकार होता है इसमे लगभग 108 Keys होती है कीबोर्ड में कई प्रकार की कुंजियाँ होती है. जैसे- अक्षर (Alphabet), नंबर (Number), चिन्ह (Symbol), फंगसन (Function kay), एरो (Arrow kay) तथा कुछ विशेष प्रकार की Keys भी होती है।

CPU – सीपीयू का पूरा नाम CENTRAL PROCESSING UNIT है इसे प्रोसेसर या मेक्रोप्रोसेसर भी कहा जाता है यह PC से जुड़े विभिन्न उपकरण को नियंत्रित करता है यह कंप्यूटर द्वारा प्रप्प्त सूचनाओं का विशलेषण करता है यह एक इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोचिप है जो डेटा को इन्फोर्मेशन में बदलते हुए प्रोसेस करता है इसे कंप्यूटर का ब्रेन भी कहा जाता है यह कंप्यूटर सिस्टम के सारे कर्यों को नियंत्रित करता है तथा इनपुट को आउटपुट मे रूपांतरित करता है यह इनपुट तथा आउटपुट यूनिट से मिलकर पूरा कंप्यूटर सिस्टम बनता है।

Mouse – माउस एक इनपुट डिवाइस है जिसका वास्तविक नाम Pointing Device है इसका उपयोग computer की स्क्रीन पर आइटम को चुनने उसकी तरफ जाने, खोजने, बंद करने, चालू करने में इस्तमाल किया जाता है दुनिया का सबसे पहला माउस जिसे डगलस सी एंगलबर्ड ने सन 1968 में बनाया था माउस में तीन प्रकार के बटन होते हैं पहला Left Click दूसरा Scroll और तीसरा बटन Right Click होता है।

सरल शब्दों में कम्पूयटर का परिचय :-

  • कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है।
  • Computer के अविष्कारक चार्ल्स बैबेज हैं।
  • Computer का उपयोग आज के समय में हर क्षेत्र में किया जाता है।
  • CPU को Computer का मास्तिष्क कहते है।
  • Computer की खोज 14 जून 1822 में हुई थी।
  • दुनिया के पहले कम्प्यूटर एक नाम Eniac था।
  • Computer का सारा डाटा हार्ड डिस्क में स्थित होता है।
  • इंटरनेट कम्प्यूटर का सबसे बड़ा नेटवर्क है।
  • कंप्यूटर के चलने की प्रक्रिया को Boot Up कहा जाता है।
  • Computer ने हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है।

दोस्तों कैसी लगी आप सभी को आज की यह Computer Kya Hai एवं Computer का इतिहास क्या है इसे वर्तमान समय में कहाँ कहाँ उपयोग किया जाता है इसके पार्ट्स क्या है. हमने आपको कम्प्यूटर से जड़ी पूरी जानकारी आपको प्रोवाइड करी है जिसे पढ़ने के बाद आपको पता चल गया होगा की Computer Kya Hai?

इस लेख पर अपने विचार जरूर रखें ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने को मिले. इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपकी समझ में आ रहा होगा की आज के समय में Computer कितना जरूरी है।

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