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हवाई जहाज का अविष्कार किसने किया था जानिए

हवाई जहाज का अविष्कार किसने किया – प्राचीनकाल में जब मनुष्य पक्षियों को आकाश में उड़ता हुआ देखता था तो उन पक्षियों को आकाश में उड़ते हुए देखकर उनका भी  मन करता था की हम भी इन्ही पक्षियो की तरह आकाश में उड़ पाते लेकिन वे लाखों कोशिशे करने के बाद भी वो ऐसा नहीं कर पाते। तो क्या आप लोगों को पता है की आखिर हवाई जहाज का निर्माण किसने किया आज हम आप जिस हवाई जहाज में बैठकर आसमान की सैर करते हैं वह उस टाइम सिर्फ एक सपना था लेकिन इस सपने को साकार किया राइट ब्रदर्स ने

यदि किसी काम को कड़ी मेहनत और लगन के साथ किया जाये तो वह आगे बड़े मुकाम पर पहुंच जाता है. जैसे की दो अमेरिकन भाइयों की वजह से हुआ। आज हम आप पूरे विश्व में कहीं का भी सफर पल भर में तय कर लेते हैं. इस खोज ने हम आपकी यात्रा करने के सफर को इतना कम कर दिया है की हम कुछ ही घण्टो में हजारों किलोमीटर की यात्रा पूरी कर लेते हैं।

साल 2022 में Aeroplane के निर्माण को 119 साल पूर्ण हो चुके हैं लेकिन बात ये नहीं की इसे बने हुए कितने वर्ष हो गए हैं. बात यह है की एयरोप्लेन का अविष्कार कब और किसने किया है। तो आज के इस लेख में हम आपको यह बताने वाले हैं की आखिर Aeroplane का निर्माण किसने किया था।

हवाई जहाज का अविष्कार किसने किया :-

दुनिया का सबसे पहला हवाई जहाज दो अमेरिकी भाइयों ने ऑरविल राइट और विलबर राइट मिलकर बनाया था इन दोनों भाइयो को राइट ब्रदर्स और राइट बन्धु भी कहा जाता है। 17 दिसंबर सन 1903 को राइट बन्धु ने Aeroplane का अविष्कार किया था ऑरविल एवं विलबर के पिता का नाम मिल्टन था मिल्टन एक पादरी थे. 41 साल की उम्र में उन्होंने कैथराइन से शादी कर ली थी।

विलबर राइट का जन्म सन 1867 में एवं ऑरविल राइट का जन्म सन 1871 मे हुआ था। सन 1878 की बात है उस समय विलबर की उम्र 11 साल और ऑरविल की उम्र महज 7 साल की थी तभी उनके पिता एक उड़ने वाला खिलौना लेकर आए जो छत की ऊँचाई तक उड़ सकता था उसे कागज एवं बांस से बनाया गया था जिसमे एक रबर की पट्टी थी जो पंखे को चला देती थी। इस खिलौने का निर्माण एक फ्रांसीसी ने किया था।

दोस्तों इस खिलौने को देखकर बच्चों के सपनों को मानो जैसे की पंखे लग गए थे और उनके मन में ये विचार बन गया की यह इतनी छोटी सी वस्तु छत तक उड़ सकती है तो बड़ी वस्तु निश्चित ही आसमान में उड़ सकती है। राइट ब्रदर्स ने इस खिलोने को चमगादड़ का नाम दिया और फिर दोनों भाइयो ने मिलकर एक ऐसा चमगादड़ बनाने की शुरुआत कर दी जिसे बनाने का सारा विलबर ने ही किया क्योंकी ऑरविल उम्र में बहुत छोटा था जो विलबर को इसे बनाते हुए सिर्फ देख सकता था।

दोनों भाइयों द्वारा बनाया गया यह खिलौना ज्यादा सफल नहीं हुआ क्योंकी वे दोनों जितना बड़ा चमगादड़ बनाते थे वह उतना ही कम ऊंचा उड़ पाता था तो ऐसा करते करते वो दोनों बहुत परेशान हो गए थे लेकिन वो कहते हैं ना “यदि हमने अपने मन में यह ठान लिया की इस काम को करे बिना मैं चैन से नहीं बैठूंगा जब तक इस काम में मुझे सफलता नहीं मिल जाती तब तक मैं अपनी जिद पर अड़ा रहूंगा” ठीक इसी तरह राइट ब्रदर्स ने भी अपने मन में ठान लिया था की जब तक हम इस काम मे सफलता प्राप्त नहीं कर लेते तब तक हम अपने फैसले पर डटे रहेंगे।

राइट बन्धु बचपन से ही कल्पनाशील व्यक्ति थे जिन्होंने अपने हजारों प्रयासों एक कई सालों की मेहनत की बदौलत इस काम में सफलता प्राप्त कर ही ली. इन दोनों भाईयो को एयरोप्लेन बनाने में इसलिए Success मिली क्योंकी उन दोनो को मशीनी तकनीकी की अच्छी खासी नॉलेज थी।

ये दोनो सन 1900 से लेकर के सन 1903 तक हवा मे उड़ने वाले ग्लाइडरो के साथ लगातार परिक्षण करते रहे इसके अलावा इन्होने एयरोप्लेन को उड़ाने के लिए “फ्लूड डायनामिक्स” के सिद्धांतों का प्रयोग किया। Aeroplane गुरुत्वाकर्षण बल के कारण जमीन पे नीचे ना गिरे इसके लिये भी उन दोनों भाई लगातार प्रयास करते रहे जिसके लिये उन्होंने एयरोप्लेन का कई बार वजन कम भी कम किया ताकि वह हवा में आसानी से उड़ सके.

इसके अलावा उनने इसकी उड़ते समय दिशा संतुलित सही रहे इसके लिए थ्री एक्सिस कन्ट्रोल उपयोग किया ऐसा करते करते कई सालों बाद दोनों भाइयों की मेहनत सफल हो गई और 17 दिसंबर सन 1903 को राइट ब्रदर्स ने राइट फ्लायर नामक हवाई जहाज को उड़ान भरायी इस हवाई जहाज ने 120 फिट की ऊचाई पर 12 सेकेंड तक उड़ान भरी थी।

इसीलिए दोस्तों एयरोप्लेन की खोज का श्रेय उन दोनों राइट ब्रदर्स को जाता है जिन्होने दुनिया में सबसे पहले हवाई जहाज बनाकर उड़ाया था। वर्तमान समय में World में ऐसी बहुत सी कम्पनियाँ है जो Aeroplane बनाने का काम करती हैं इसके साथ साथ बहुत से देशों में ऐसी भी कम्पनियां हैं जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर हवाई जहाज से पहुंचाने का काम करती हैं।

हवाई जहाज आसमान में कैसे उड़ता है :-

आप जब भी आसमान में एयरोप्लेन को उड़ता हुआ देखते होंगे तो आपके मन में भी यह सवाल आया होगा की आखिर कैसे aeroplane आसमान उड़ता है. दोस्तों ये सवाल आप ही दिमाक में नहीं आया है यह सवाल मेरे दिमाग में भी आया था लेकिन जब मैंने इसके बारे में रिसर्च की तो मुझे पता चला की जब हवाइ जहाज़ उड़ान करने के लिये तैयार होता है तो उस समय टैक ऑफ़ एवं फ़ोर्स को जीरो रखने के सिद्वान्त पर काम किया जाता है।

राइट ब्रदर्स ने एयरफाइल पद्धति का इस्तमाल किया था इस पद्धति से इसके एयरविंग्स तैयार किये जाते हैं जो न्यूटन के तीसरे नियम पे आधरित है इस तकनीकी का इस्तमाल करके उन दोनों ब्रदर्स ने वक्ररूपी विंग्स बनाये थे जिनकी सहायता से टैक ऑफ़ और लैंडिंग में मदद मिलती है वक्र एवं एयरविंग्स आसमान में बहती हवा को नीचे की ओर ढकेलता है. यह न्यूटन के 3rd नियम पे आधरित है।

न्यूटन जी के 3rd नियम के मुताबिक प्रतिक्रिया आवश्यक होती है जिसके कारण विमान के नीचे वाली हवा उसे ऊपर की और ढकेलती है. लिफ्ट फ़ोर्स के कारण विमान का गुरुत्वाकर्षण बल कम जाता है जिसके कारण विमान का फ़ोर्स बिल्कुल शून्य हो जाता है जिसकी वजह से वह हवा में उड़ पाता है और उसे एक विशेष बल की सहायता से आगे की ओर धकेला जाता है जो प्रोपेलर से बनता है। अब आप सोच रहे होंगे की ये प्रोपेलर क्या होता है।

तो मैं आप सभी की जानकारी के लिए बता दूँ की प्रोपेलर एक प्रकार का पंखा होता है जो बहुत तेजी के साथ घूमता है जिसके कारण हवाई जहाज तेजी के साथ आगे बढ़ पाता है। उड़ान भरते समय विमान में नेविगशन के लिये बहुत तरह के विंग्स होते है जिनकी मदद से उसे Control किया जाता है। इसके मुख्य विंग्स होते हैं एस्पोइलर, एलेरोन, रडर एवं एलिवेटर हैं।

एलिवेटर का काम विमान को ऊपर ले जाना और ऊपर से नीचे लाना होता है, एलेरोन का इस्तमाल उड़ते हुए विमान की दिशा बदलने के लिये किया जाता हैं। अब आपको पता चल गया होगा की आखिर एयरोप्लेन आसमान कैसे उड़ता है।

निष्कर्ष :-

हवाई जहाज का अविष्कार किसने किया इस लेख को पढ़ने के बाद आपको पता चल गया होगा की आखिर Aeroplane का निर्माण किसने और कब किया था एवं हवाई जहाज आसमान में कैसे उड़ता है। यदि अभी भी आपका इस टॉपिक से रिलेटिड कोई सवाल है तो आप हमसे उसके बारे में कमेंट सेक्सन के माध्यम से पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जबाब जरूर देंगे. कैसा लगा आप सभी को यह लेख हमें इसके बारे जरूर बताए।

वास्तव में यदि आप लोगों यह जानकारी पसंद आयी हो तो इस पोस्ट को अपने अन्य दोस्तों के साथ भी शेयर करे ताकि उन्हें भी इसके बारे में पता चले शेयर करने के लिए आप Whatsapp, Facebook, Instagram आदि का उपयोग कर सकते हैं। तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही मिलते है अगले Intrasting टॉपिक के साथ तब तक के लियेआप अपना ढेर सारा ख्याल रखिये धन्यवाद। Jay Hind Jay Bharat Jay

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Dharmendra Choudhary

नमस्कार दोस्तो, मैं Dharmendra Choudhary Hindilive.Net का Founder हूँ,अगर में अपनी पढाई की बात करू तो मैंने Graduate किया है। मुझे टेक्नोलॉजी से जुड़ा रहना बहुत पसंद है।

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