हेलो दोस्तो क्या आप लोगों को यह पता है कि कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) क्यों मनायी जाती है? अगर नही पता तो आज का यह ब्लॉग पोस्ट आप सभी के लिये बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है. आज के इस आर्टिकल मे कृष्ण जन्माष्टमी से जुडी सम्पूर्ण जानकारी बताई जावेगी इसलिये आप सभी इस Article को ध्यान से पढिये।
साथियो जन्माष्टमी एक ऐसा त्यौहार है जिसे पूरा भारत देश बहोत ही धूम धाम के साथ मनाता है आपको बता दें कि जन्माष्टमी के दिन भगवन श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ था इसीलिए हर वर्ष काफी धूम धाम से हम सभी भारतवासी श्री कृष्ण जी के जन्म दिन को मनाते हैं। इस दिन देश के अलग अलग हिस्सों मे अपने अपने अंदाज मे घर घर जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्ति एवं संगीत का आयोजन किया जाता है जिसमे सभी को कान्हा के जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनायें देते हैं। श्री कृष्ण जी हर किसी के दिलो में बसते हैं इनको बहुत से नामों से पुकारा जाता है जैसे – बाल गोपाल, गोविंदा, कान्हा, कृष्णा, माखन चोर आदि ऐसे 108 नामों से जाने जाते हैं भगवान श्री कृष्णा जी, इन्होने धरती पर एक साधारण मानव के रूप में जन्म लिया था।
श्री कृष्ण जी ने धरती पर बढ़ रहे पाप एवं राक्षसों का बध करने के लिये जन्म लिया था इसी वजह से हर वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व को बड़े हर्ष एवं पूरी श्रद्धा के साथ मनाते हैं, मित्रो इस त्यौहार को सिर्फ हिन्दुओ के द्वारा ही मनाया जाता है। तो अगर आप एक हिन्दू हैं तो आपको यह पता होना चाहिये की कृष्ण जन्माष्टमी क्यों और कब मनाई जाती है? एवं कृष्ण जन्माष्टमी की पूरी कहानी क्या है? कृष्ण जन्माष्टमी का क्या महत्त्व होता है? और कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव को मनाने का वजह क्या है? आदि इस प्रकार की पूरी सही जानकारी आपको होना जरूरी है।
साथियो जो भी कृष्ण भगवन को दिल से मानता है तो उनको कृष्ण जन्माष्टमी से जुडी सभी तरह की जानकारी होना चाहिये। तो यदि आपके पास इस तरह की कोई जानकारी नहीं है तो इस लेख को लास्ट तक अच्छे से पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा। क्योंकी हम इस article में भगवन श्री कृष्ण की प्राथना एवं भक्ति करने वाले हर व्यक्ति को Janmashtami की ये सभी जानकारी बताने वाले हैं। तो चलिये साथियों आपका ज्यादा समय वेस्ट न करते हुये सबसे पहले जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी क्या है।
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कृष्ण जन्माष्टमी क्या है? – (Krishna Janmashtami)
कृष्ण जन्माष्टमी का ये पावन पर्व उन सभी हिन्दुओं के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं इस दिन को भारत के लगभग हर घर में भगवन श्री कृष्ण जी की पूजा की जाती है. लोगों का मानना है की इस दिन कृष्ण भगवान की पूजा करने से घर में शांति सम्रद्धि, सन्तान और लम्बी आयु की प्राप्ती होति है. भारत के सभी हिन्दुओं द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी के इस महोत्सव को बड़े धूम धाम के साथ एक विशेष जयंती के रूप मे मनाते हैं।
Janmashtami के पावन महोत्सव पर सभी हिंदु कृष्ण भगवान को प्रसन्न करने के लिये उनके जन्म दिवस पर व्रत या उपवास भी रखते हैं और कहीं कहीं तो श्री कृष्ण रासलीला का अमृत महोत्सव का भी आयोजन होता है. एवं इसके अलावा लोगों द्वारा मंदिरों मे सजावट भी करी जती है।
जब कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था तब से हिंदू पंचांग यानी की (कैलेंडर) के मुताबिक भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष शुल्क के 8वे दिन सभी हिंदुओं के द्वारा हर साल इस दिन को जन्माष्टमी के रूप मे मनाते हैं. वर्ष 2022 में गुरुवार के दिन 18 को अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनायी जावेगी। तो चलिये दोस्तों आगे अब जनते हैं आखिर क्यों कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है।
कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनायी जाती है
जन्माष्टमी के आगमन से ही उसके पहले से ही तैयारियां जोरों से होने लगती हैं आपको बता दे की पूरे भारत वर्ष मे इस त्योहार को बहुत धूम धाम के साथ मनाया जाता है जो देखने योग्य होता है. Janmashtami के दिन पूरा भारत वर्ष भगवान श्री कृष्ण जी की भक्ति में डूबा रहता है कृष्ण जन्माष्टमी के त्यौहार को पूर्ण श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है. पुराणविक ग्रंथो के अनुसार भगवान श्री विष्णु ने धरती को पापियों से मुक्त कराने हेतु प्रभु श्री कृष्ण के रूप जन्म लिया था।
भाद्रपद माह की श्री कृष्ण पंचमी को मध्य रात्रि को रोहणी नकछत्र में देवकी और वासुदेव जी के पुत्र रूप में श्री कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था. प्रभु कृष्ण जन्माष्टमी का ये त्यौहार भारत में विभिन्न रूपों मे मनाया जाता है जैसे की कहीं रंगो की होली होती है और कहीं फूलों को वर्षा होती है, तो कहीं दही हांड़ी फोड़ने का महोत्सव होता है। तो इस प्रकार से प्रभु कृष्ण जी की याद मे इस महोत्सव को हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं।
हिंदू धर्म मान्यताओं के मुताबिक सृष्टि यानी की जग के पालनकर्ता एवं सभी के दुःख हर्ता कहे जाने वाले प्रभु श्री हरि भगवान विष्णु जी के 8 वें अवतार के रूप में भगवान श्री बाल गोपाल जी ने जन्म लिया था. भद्रपद के माह मे कृष्णा पक्ष के आठवीं मध्यरात्री को मथुरा की गोकल नगरी मे प्रभु कृष्णा जी ने धरती पे जन्म लिया था।
क्योंकी उस टाइम मथुरा नगरी की जनता वहां के अत्याचारी राजा कंस से बहुत परेशान थे इसीलिए भगवान विष्णु ने अपने आठवें अवतार में कृष्ण जी के रूप मे पृथ्वी पर जन्म लिया और अत्याचारी राजा कंस का वध किया। इसलिये श्री कृष्ण भगवन के इस जन्म दिवस के शुभ पावन अवसर पर इनकी श्रद्धा एवं उनकी याद के रूप में इस दिन को कृष्णा जन्मष्टमी के रूप मे प्रत्येक वर्ष मनाया जाते हैं।
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कृष्ण जन्माष्टमी का महत्त्व (Krishna Janmashtami)
जैसे ही विवाहित जीवन शुरू होता है वैसे ही हर कोई चाहता है की उनका सन्तान हो जिसके लिये सभी छोड़े इस दिन प्रभु श्री कृष्ण का आर्शीवाद लेते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं, इसलिए हिन्दुओं मे ज्यादातर विवाहित महिलाएं कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत या उपवास रखती हैं। हालांकि इस दिन सिर्फ विवाहित महिलायें ही नहीं बल्कि इस पावन पर्व की आस्था में आराध्य के जन्म मे सभी मातायें बहिनें बूढ़े बच्चे सब उपवास/ब्रत रखते हैं।
जिस प्रकार भारत वर्ष मे हिंदुओं द्वारा सभी तरह के प्रमुख त्यौहार दीपावली होली रक्षाबंधन आदि को मनाते हैं ठीक वैसे ही प्रभु कृष्ण जी की याद में जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं. पुरे भारत में हिन्दुओं द्वारा इस पावन अवसर को बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता है। देश के अलग अलग राज्यों मे भिन्न भिन्न तौर तरीको के रूप में भगवन कृष्ण जी जन्माष्टमी की पूजा अर्चना करके उनको प्रसन्न करते हैं।
कृष्ण भगवान ने धरती पे देवकी और वासुदेव जी के आठवीं संतान के रुप मे अवतार लिया था. जब प्रभु का जन्म हुआ था तो उस वक्त एक भविष्याणि/आकाशवाणी की गई थी की वासुदेव एवं देवकी जी का आठवां पुत्र अत्याचारी राजा कंस का वध करे गा और फिर ऐसा ही हुआ उन्होंने आगे चलकर बाजा कंस का वध किया और वहां की प्रजा को राजा कंस के कष्टों से मुक्त कराया। हालांकि साथियो कृष्ण जी की असली माता देवकी ने उनका पालन पोषण नहीं किया बल्कि उनका पालन पोषण यशोदा ने किया, आप को बता दें की कृष्ण भगवान की दो मातायें रही हैं देवकी और यशोदा है।
Krishna Janmashtami (FAQs)
जबाब – साल 2002 में 18 अगस्त दिन गुरुवार को मनायी जावेगी।
जबाब – धरती पर प्रभु श्री कृष्ण जी का जन्म भारत के मथुरा नगरी में हुआ था।
जबाब – प्रभु श्री कृष्णा जी के लगभग 108 से भी अधिक नाम थे जैसे – कृष्णा बाल, माखन चोर, गोपाल, मोहन, देवकीनंदन, केशव, गोविंदा, श्याम, कान्हा वासुदेव, देवेश आदि और भी हैं।
जबाब – कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है।
अंतिम शब्द
हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा लिखा गया ये ब्लॉग पोस्ट कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है आप लोगों को काफी ज्यादा पसंद आया होगा। हमारी हमेशा यह कोसिस रहती है हमारे जितने भी रीडर्स हैं उन सभी को सही एवं सटीक जानकारी मिले जिसके लिये हम पूरी कोशिश करते हैं। मित्रो हमने इस आर्टिकल में कृष्ण जन्माष्टमी के विषय में सम्पूर्ण जानकारी करी है जिसे पढ़ने के बाद आपके Krishna Janmashtami से जुड़े सभी डाउट दूर हो गए होंगे।
अगर फिर भी आपका इस विषय में कोई डाउट है तो उसके बारे मे हमे कमेंट करके जरूर बताएं ताकि हम आपकी मदत कर सके. यदि आप लोगों को Krishna Janmashtami का त्यौहार क्यों मनाया जाता है इसका क्या महत्व आपको अच्छा लगा हो और इस लेख में कुछ सीख मिली हो तो इसको अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करिये या फिर अपने सोशल मीडिया नेटवर्क जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम ट्विटर आदि पर Share कर सकते हैं।